इसी साल 25 जनवरी को सुंदर पिचाई को भारत सरकार ने पद्म भूषण देने का एलान किया गया था। फिर कल शुक्रवार को गूगल के सीईओ (Google CEO) सुंदर पिचाई (Sundar Pichai) व्यापार और उद्योग के क्षेत्र में योगदान के लिए पद्म भूषण (Padma Bhusan) सम्मान से सम्मानित किया गया है।

गूगल के अल्फाबेट (CEO) सुंदर पिचाई आज जिस मुकाम पर हैं, वहां तक पहुंचने के लिए उन्हें तमाम मुश्किलों का सामना करना पड़ा था। एक वक्त ऐसा था जब उन्हें अमेरिका में पढ़ाई करने के लिए पिता के सालभर की सैलरी देकर टिकट खरीदना पड़ा था। सुंदर पिचाई आज वो दुनिया के सबसे महंगे सीईओ (CEO) में से एक हैं।

गूगल और अल्फाबेट के सीईओ सुंदर पिचाई आज जिस जगह पर हैं वहां पहुंचने के लिए उन्होंने तमाम मुश्किलों को पार किया, संघर्षों को झेला है। एक वक्त था जब उन्हें अमेरिका में अपनी पढ़ाई के लिए पिता के सालभर की सैलरी देकर टिकट खरीदनी पड़ी थी, आज वो दुनिया के सबसे महंगे सीईओ में से एक हैं।

सुंदर पिचाई भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिक है। उन्हें यह सम्मान अमेरिका में भारत देश के राजदूत तरणजीत सिंह संधू ने ये पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित किया गया। पद्म भूषण पाकर सुंदर पिचाई भावुक हो गए। वो कहते है कि भारत मेरा ऐसा हिस्सा है। मैं जहां भी जाता हूं वो मेरे साथ जाता हैं। पिचाई ने कहा कि मैं खुश किस्मत हूं क्योंकि कि मेरा जन्म ऐसे फैमिली में हुआ, जहां सीखने जानने इजाज़त मिली और उसको महत्व दिया गया।

सुंदर पिचाई (Google CEO) कौन है ?

सुंदर पिचाई (Google CEO) गूगल और अल्फाबेट के सीईओ है। अल्फाबेट एक गूगल की पैरेंट कंपनी है। साल 2019 में उन्हें प्रमोट कर अल्फाबेट की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। गूगल की कमान संभाल रहे सुंदर पिचाई का ताल्लुक भारत से हैं। सुंदर पिचाई का जन्म 12 जुलाई, 1972 को चेन्नई में हुआ था। उन्होंने आईआईटी खड़गपुर से अपनी पढ़ाई की फिर वारटन बिजनेस स्कूल से एमबीए किया। आगे की पढ़ाई के लिए वो अमेरिका के स्टैनफर्ड यूनिवर्सिटी में चले गए।

उन्होंने मेटलर्जिकल इंजीनियरिंग की हुई थी। पढ़ाई में वो हमेशा से सबसे टॉपर रहे। उन्हें अच्छे एकेडमिक परफॉर्मेंस के लिए सिल्वर मेडल भी मिला था। सुंदर पिचाई को स्कॉलरशिप पर अमेरिका की यूनिवर्सिटी में Admission तो मिल गया, लेकिन वहां जाने और रहने खाने का खर्च इतना था, की जिसे पूरा करना बड़ी चुनौती बन गई थी।

अमेरिका का टिकट खरीदने में पिता की सालभर की सैलरी लग गई थी

एक इंटरव्यू के दौरान सुंदर पिचाई ने बताया है कि वो आज दुनिया की दिग्गज कंपनी की कमान संभाल रहे। लेकिन वो अब भी अपने जमीन यानी भारत देश से जुड़ें हुए है। वो अपने बयान में बताते हैं वो अपने बचपन को को कभी नहीं भुले है। क्योंकि उन्हें आगे बढ़ने में होंसला मिलता है।

सुंदर पिचाई ने बताया है कि कैसे अमेरिका की स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में दाखिला मिलने के बाद उनके पिता उन्हें विदेश भेजने के लिए अपनी सालभर की तनख्वाह सिर्फ टिकट खरीदने पर खर्च कर दिया था। जब पहली बार वो प्लेन में बैठे थे, वो अमेरिका जा रहे थे। उस समय आईएसडी कॉल का खर्च 2 डॉलर प्रति मिनट लगता था।

जब एक कॉल इतना महंगा था कि वो अपने घर बात तब नहीं कर सकते थे। अमेरिका में उन्होंने पहली बार कंप्यूटर देखा था। और वो कहते है कि जब मैं 10 साल था तब तो मेरे पास टेलीफोन जैसी कोई सुविधा नहीं थी। घर में भी कोई टेलीविजन नहीं था।‌ जब बाद में पिता ने टिवी खरीदी तो सिर्फ एक चैनल हुआ करता था।

सुंदर पिचाई दुनिया के सबसे महंगे सीईओ में से एक है

मुश्किल में अपना बचपन बिताने वाले सुंदप पिचाई आज दुनिया के सबसे महंगे सीईओ में से एक सीईओ हैं। यूएस सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन की एनुअल प्रॉक्सी फाइल रिपोर्ट के जानकारी के मुताबिक पिचाई की बेस सैलरी साल 2020 में 2 मिलियन डॉलर भारत के मुताबिक 15 करोड़ थी।

सुंदर पिचाई को अल्फाबेट की कमान मिलने के बाद उनकी सैलरी बढ़ाकर 7.4 मिलियन डॉलर कर दी गई। भारतीय करंसी (नोट) के मुताबिक उनकी सैलरी 52 करोड़ रुपए के करीब है।आज उनकी गिनती दुनिया के सबसे महंगे सीईओ में होती है। आज अगर नेटबर्थ की बात कि जाए तो उनकी कुल संपत्ति 5300 करोड़ करीब है।

सुंदर पिचाई को 10 अगस्त, 2015 में Google के सीईओ की जिम्मेदारी दी गई थी। सुंदर के बाद अगले साल 2016 में Google की सेल में 22.5 फीसदी का इजाफा हो गया था। फिर साल 2019 में उन्हें प्रमोट कर गूगल की पैरेंट कंपनी अल्फाबेट में कमान सौंप दी गई। इस पोस्ट पर पहुंचने वाले पहले व्यक्ति सुंदर पिचाई भारतीय हैं।