Bharat Jodo Yatra Live Updates – राष्ट्रीय कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी गुरुवार को राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होने के लिए कर्नाटक में पहुंची । दशहरा के दो दिन आराम करने के बाद सोनिया गांधी के पहुंचने के बाद इस यात्रा में एक नया जोश देखने को मिला है। अध्यक्ष के इस यात्रा में शामिल होने के कई राजनीतिक मुद्दे निकाले जा रहे हैं।
राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के बाद एक महीने के बाद सोनिया गांधी के यात्रा में शामिल होने का राज क्या हो सकता है ? क्या दो हजार चोबीस में भारतीय जनता पार्टी के लिए मुश्किले बढ़ सकती हैं क्या?
भारत जोड़ो यात्रा में एक महीने बाद शामिल क्यों हो रहीं हैं सोनिया गांधी
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की सेहत बार-बार खराब होने कि वजह से चुनावी मोहीम और रैलियों में कम ही दिखाई देती है। पिछली बार अगस्त 2016 में वाराणसी में रोडशो में शामिल हुई थी। जहां उनके कंधे पर चोट आई थी, उसके बाद उनकी सर्जरी की गई थी ।
इसके बाद से उन्होंने कार्यक्रमों में जाना बंद कर दिया । वह कोरोनावायरस की मरीज़ भी हो चुकी थी । फिर भी भारत जोड़ो यात्रा में एक महीने हो जाने के बाद सोनिया गांधी ने हिस्सा का फैसला किया।

सोनिया गांधी के इस भारत जोड़ो यात्रा का राज क्या है?
2019 में कांग्रेस को बहुमत से दूर होना पड़ा । क्या इस भारत जोड़ो यात्रा में सोनिया के वजह से कोई जनता पर असर पड़ेगा या नहीं ? भाजपा को इस से 2024 में मुश्किले बढ़ सकती हैं ? हालांकि कांग्रेस को हर बार यानी 2014 से लेकर आज तक बीजेपी का सामना करना पड़ रहा है ।
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सितंबर से ही कांग्रेस पार्टी का अध्यक्ष चुनाव के नामांकन शुरू होने से पहले राजस्थान में पार्टी में दरार शुरू हुई थी । भारत जोड़ो यात्रा के बीच गांधी परिवार का पूरा ध्यान शासन वाले राज्यों से हट गया । हालांकि फिर भी राहुल गांधी ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी, अध्यक्ष चुनाव से जुड़ी विवाद पर कहा है कि, सोनिया अध्यक्ष होने का दायित्व वे पूरी तरह निभा रही हैं।
सोनिया गांधी भारत जोड़ो यात्रा के शामिल से भाजपा पर क्या असर गिर सकता है
राहुल गांधी की यात्रा कर्नाटक में 21 दिन रहेगी । कर्नाटक से भारत जोड़ो यात्रा 511 किलोमीटर लंबी होगी । इस यात्रा से दो गुटों में बिखरी हुई पार्टी को एकजुट करने की कोशिश भी है। भारत जोड़ो यात्रा कर्नाटक कांग्रेस में पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और मौजूदा प्रदेशध्यक्ष डीके शिवकुमार के बीच तनाव को दूर करना है।

पिछले साल यहां हुए दो विधानसभा सीटों और एक लोकसभा सीट के उपचुनाव में भी कांग्रेस को कोई खास सफलता हाथ नहीं लगी। भाजपा ने यहां दो में से एक विधानसभा सीट हासिल की थी।
वहीं, बेलगावी लोकसभा सीट को बचाने में भी सफलता हासिल की थी। इस सीट पर कांग्रेस को महज कुछ हजार वोटों से हार मिली थी। जबकि पहले इस सीट पर भाजपा की हार लगभग तय मानी जा रही थी।
कांग्रेस में इस करीबी हार की वजह इन दो बड़े नेताओं के बीच बंटे हुए धड़ों को माना जा रहा था, जो कि चुनाव के दौरान भी साथ नहीं आए।
इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है। इन दोनों नेताओं के समर्थन वाले गट के बीच जंग कितनी ज्यादा है । पिछले साल यहां हुई विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी को कोई खास जीत हासिल नहीं हुई। वहीं बेलगावी लोकसभा सीट को बचाने में असफलता हासिल हुई थी।
कांग्रेस को इस सीट पर महज कुछ हजार वोटों से हार मिली थी। फिर पहले इस सीट पर बीजेपी की हार तय मानी जा रही थी। कांग्रेस पार्टी को इन दो बड़े नेताओं के बीच दरार की वजह से हार मिली ।
इस से यह मालूम होता है की राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा का रोल जरूरी था। आगे देखते हैं, 2024 में भारतीय जनता पार्टी को क्या नुकसान पहुंचता है या फायदा ।
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